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भाषा और चिंतन (Language And Thinking)

 भाषा और चिंतन  (Language And Thinking)

भाषा :- अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाना भाषा कहलाती है। भाषा और विचार के बीच घनिष्ठ संबंध है।


भाषा की प्रकृति और क्रम

मनोवैज्ञानिक क्रम

सुनना - बोलना - पढ़ना - लिखना

L -    S   - R  -W


भाषा के विकास के सिद्धांत

1. परिपक्वता का सिद्धांत :- परिपक्वता का अर्थ है कि भाषा स्तरों को नियंत्रित करना होगा! उदाहरण के लिए जब जीभ, कंठ, जिह्वा, होंठ, जिह्वा तथा वाक्-तंतु आदि बोलने में परिपक्व हो जाते हैं, तब भाषा प्रभावित होती है। अच्छा नियंत्रण और अभिव्यक्ति होती है यानी विचारों का आदान-प्रदान भी अच्छा होता है

2. लिंकेज का सिद्धांत

विधियों को गतिमान वस्तुओं (जो देखा जा सकता है) के साथ जोड़कर सिखाया जाता है।


3. अनुकरण का सिद्धांत :- मनोवैज्ञानिकों के अनुसार बालक परिवार और दोस्तों की भाषा का अनुकरण करके सीखें

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